एक दिन ससुर जी ने अपने भावी दामाद से बड़े ही प्यार से पूछा – ‘मेरी बेटी के जीवन नैया के खेवनहार! आपको शादी में क्या-क्या उपहार चाहिए।
दामाद जी ने जुबान – खोली ‘आपकी बेटी खुद लक्ष्मी है। अगर आप इतनी ही जिद करते है तो हमें सिर्फ ‘टर चाहिए। ससुर जी ने बड़े अचंभे से पूछा – ‘बेटा या टर क्या है। दामाद जी बोले -’टर यानी स्कूटर, रफ्रीजरेटर, कंप्यूटर, जनरेटर, मोटर आदि।
यह सुनकर ससुर जी मुसकुराए और फिर बोले – हमें आते है तुम्हे पहनाने स्वेटर, फिर देतें है हम तुम्हे अपनी डाटर, जिसके हाथ में है हन्टर, जो बनवाएगी तुम से मटर-टमाटर, डाल कर तुम पर वाटर, तब तुम नजर आओगे वेटर, अब क्या इरादे है मिस्टर। यह सुनकर भावी दामाद जी घबराए और ऐसे भागते नजर आए जैसे हैलीकाप्टर।
दामाद जी ने जुबान – खोली ‘आपकी बेटी खुद लक्ष्मी है। अगर आप इतनी ही जिद करते है तो हमें सिर्फ ‘टर चाहिए। ससुर जी ने बड़े अचंभे से पूछा – ‘बेटा या टर क्या है। दामाद जी बोले -’टर यानी स्कूटर, रफ्रीजरेटर, कंप्यूटर, जनरेटर, मोटर आदि।
यह सुनकर ससुर जी मुसकुराए और फिर बोले – हमें आते है तुम्हे पहनाने स्वेटर, फिर देतें है हम तुम्हे अपनी डाटर, जिसके हाथ में है हन्टर, जो बनवाएगी तुम से मटर-टमाटर, डाल कर तुम पर वाटर, तब तुम नजर आओगे वेटर, अब क्या इरादे है मिस्टर। यह सुनकर भावी दामाद जी घबराए और ऐसे भागते नजर आए जैसे हैलीकाप्टर।
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